आधे तुम हो जवाँ ,आधे हम हैं जवाँ , चलो मिलकर हो जायें ,दोनो पूरे जवाँ। आधे तुम हो जवाँ ,आधे हम हैं जवाँ , चलो मिलकर हो जायें ,दोनो पूरे जवाँ।
उनकी बातों के निशान बहुत गहरे हैं , चारों तरफ सिर्फ पहरे ही पहरे हैं। उनकी बातों के निशान बहुत गहरे हैं , चारों तरफ सिर्फ पहरे ही पहरे हैं।
मानव को समझना हमेशा ही जटिल रहा है, मनुष्य का अपने को सर्वश्रेष्ठ समझने का दंभ भी पहले से ही मजबूती ... मानव को समझना हमेशा ही जटिल रहा है, मनुष्य का अपने को सर्वश्रेष्ठ समझने का दंभ भ...
किसी और दिन तुम देना मुझे धमकी चाँद रौशन हुआ तुम खोलो तो खिड़की। किसी और दिन तुम देना मुझे धमकी चाँद रौशन हुआ तुम खोलो तो खिड़की।
जब मेरी शुरू हुई कविता, तब दस्तक दी थी दिल में! जब मेरी शुरू हुई कविता, तब दस्तक दी थी दिल में!
आलस से कब तक बचोगे? आलस से कब तक बचोगे?